Practicum:3. Critical review of TV or Radio programme of NCERT, NOS, IGNOU, UGC at etc.
प्रस्तावना -
मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा का जीवन परिचय|
विवेक बिंद्रा जी को कौन नहीं जानता है दुनिया भर में इनके फेन फोलोवेर्स लाखों की तादाद में है, विवेक बिंद्रा द्वारा दी हुई सलाहों (Advice) से बहुत व्यापारी अपना व्यापर दोगुना बड़ा चुके है| आज की युवा पीढ़ी ने भी उनसे कई तरह की बातें जानी है आज जब भी विवेक बिंद्रा का कही भी आगमन होता है तो वहां लाखों की तदादा में लोग आते है और उनकी बातों को सुनते हैबहुत से लोगों ने बड़ी बड़ी कंपनियों ने आज उनसे प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में उतारा है और पहले से ज्यादा पैसे कमा रहे हैं.
विवेक बिंद्रा जी का काम करने का अंदाज ही अलग है उनकी शकल पर जरा भी नहीं लगता की वे थोडा भी थके हुए है या फिर किसी बात से परेशान है| नए तरीके नयी नयी तकनीके बताते है| हारा हुआ व्यापारी भी उन से मिलकर नयी तकनीक ले कर वापस घर जाता है और कई व्यापारियों का मानना है की विवेक बिंद्रा जी एक अच्छे मोटीवेशनल स्पीकर है और एक अच्छे बिज़नस कोच भी है.बिंद्रा जी जब 2 ½ साल के थे तभी उनके पिता जी की मृत्यु हो गयी थी और कुछ समय के बाद उनकी माता का विवाह किसी अन्य व्यक्ति के साथ हो गया.
अब आपको उनके जीवन के बारे में यही से पता चलता है की उनका जीवन कितना संघर्ष भरा रहा है अगर देखा जाये तो उनका जीवन आज कुछ भी नहीं होता अगर वे अपने जीवन में आई परेशानियों से हार गए होते.
उनकी शादी कुछ साल पहले ही हो चुकी है| उनके घर में उनकी पत्नी और एक बेटा है.विवेक बिंद्रा का जीवन बड़ा ही संघर्षपूर्ण रहा है उनका जीवन प्रेरणादायक है| बिना माता पिता के जीवन जीना तो बहुत मुश्किल होता है| उस पर हायर एजुकेशन लेना और भी बड़ी परेशानी की बात है.
विवेक जी ने अपनी शुरूआती पढाई तो आम विधालयों से की और बाद में XAVIER College से 1999-2001 में BBA किया | ये कॉलेज दिल्ली में स्तिथ है बाद में MBA की पढाई लोन लेकर नॉएडा से AMITY BUSINESS College से की थी| ये कोर्स सन् 2001-2005 में किया था.
विवेक बिंद्रा की सक्सेस का राज – BIOGRAPHY OF VIVEK BINDRA MOTIVATIONAL SPEAKER IN HINDI
जब विवेक बिंद्रा अपनी MBA की पढाई पूरी कर रहे थे तभी उनके एक अध्यापक ने उन्हें श्रीमदभागवत गीता दी और श्रीमदभागवत गीता की शक्ति के बारे में बताया| आज भी विवेक बिंद्रा जी को श्रीमदभागवत गीता की अधिकतर दोहे कही हुई सत्य घटनाये याद हैं.
श्रीमदभागवत गीता को विवेक बिंद्रा ने अपने जीवन में उतार लिया है जिसके कारण आज उन्हें सक्सेस प्राप्त हुई है.
विवेक बिंद्रा जी के अवार्ड्स –
- Best Corporate Trainer :Maruti Suzuki
- Training for the largest of HR Professionals Under One Roof : Golden Book of worlds
- Best CEO Coach in India – TIMES OF INDIA – Speaking tree (February 2017)
- Best Leadership Trainer in Asia – Marshal Goldsmith @ World HRD Congress, Mumbai (February 2017)
- Think Tank of CORPORATE ASIA – World Leadership Fedration, Dubai (February 2017)
- Best Motivational Speaker- Maruti Suzuki India Ltd( May 2015)
- Excellence Award- Secrets of Success – Rotary Club of Delhi Mid Town (June 2014)
- Leadership Award- DLF Industries Association
- Most Inspirational Keytone Speaker- Idian Institute of Technology, IIT- Roorkee etc…
- विवेक बिंद्रा आज के समय में व्यापारियों, उद्यमियों के लिए एक अजूबे के रूप में है| आज उदास बैठा व्यापारी भी उनसे मिलने के बाद नयी उम्मीद की किरण ले कर आता है.कोई भी हारा हुआ व्यक्ति उनसे मिल कर खिलखिला उठता है| जिस तरह का कठिन जीवन उन्होंने जिया है| बड़ी ही तारीफ की बात है.
एपिसोड विवरण तथा स्क्रीन शॉट
एपिसोड विवरण 10
एपिसोड विवरण 10
विवेक बिंद्रा के एपिसोड STUDENT MOTIVETIONAL VIDEO में बच्चों को मोटिवेट करने का तरीका बताया गया है । उनके अनुसार बच्चों को निम्न प्रकार के शब्दों से मोटिवेट किया जा सकता है | बिंद्रा जी के अनुसार सफलता के तीन सूत्र होते हैं| इन्होने इस एपिसोड के माध्यम छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने के लिए टिप्स बताई हैं |
एपिसोड- 11
एपिसोड -12
इस एपिसोड मे बिंद्रा जी ने बताया की एक विद्यार्थी के पास असीमित क्षमता होती है | उन्होने यह भी बताया की इन्ही विद्यार्थियों मे से कुछ ऐसे विद्यार्थी होंगे जो भविस्य मे इतिहास रचेंगे | उन्होने ने यह भी बताया की इसी समय कुछ बच्चों का जीवन अट्रैक्शन तो दिट्राइकशन मे गुजर जाता है बचा हुआ जीवन ब्रेकप तथा पैचप मे निकल जाता है \ इनहोने इस एपिसोड के द्वारा बच्चों को एकाग्र मन से पढ़ाई करने की सलाह दी है |
एपिसोड- 13
इस एपिसोड के माध्यम से विवेक बिंद्रा जी ने बताया की बच्चे अपने याद्दास्त को कैसे सुधारे कैसे बढ़ाये| इन्होने मेमोरी क्षमता को बढ़ाने के लिए तीन सिद्धांतों पर चर्चा की है | इनके अनुसार मन के पाँच दरवाजे होते है जहा से बाहरी डेटा मनुष्य के अंदर प्रवेश करता है जो हैं आँख, नाक, कान, जिह्वा , त्वचा |
एपिसोड -14
इस वीडियो के माध्यम से इन्होने बताया की अपने कॅरियर को कैसे चुना जाए | इन्होने व्यक्ति को करियर चुनने के तीन सिद्धांतों पर चर्चा की है, इन्होने बताया की कैसे अपने कॅरियर को लेजेंडरी बनाया जाय| इन्होने इस वीडियो के माध्यम से बताया की आप अपने आपको पहचानो जैसे रामायण मे जामुअंत ने हनुमान की मदद की थी उन्हे उनकी शक्तियों की याद दिलाई ठीक उसी प्रकार जैसे भागवत गीता मे श्रीकृश्न ने अर्जुन को अपने आप से परिचय कराई उसे प्रकार हर व्यक्ति को अपने आप को पहचाना चाहिए |
विडियो का हाइपर लिंक
इस एपिसोड मे बिंद्रा जी ने बताया की एक विद्यार्थी के पास असीमित क्षमता होती है | उन्होने यह भी बताया की इन्ही विद्यार्थियों मे से कुछ ऐसे विद्यार्थी होंगे जो भविस्य मे इतिहास रचेंगे | उन्होने ने यह भी बताया की इसी समय कुछ बच्चों का जीवन अट्रैक्शन तो दिट्राइकशन मे गुजर जाता है बचा हुआ जीवन ब्रेकप तथा पैचप मे निकल जाता है \ इनहोने इस एपिसोड के द्वारा बच्चों को एकाग्र मन से पढ़ाई करने की सलाह दी है |
इस एपिसोड के माध्यम से विवेक बिंद्रा जी ने बताया की बच्चे अपने याद्दास्त को कैसे सुधारे कैसे बढ़ाये| इन्होने मेमोरी क्षमता को बढ़ाने के लिए तीन सिद्धांतों पर चर्चा की है | इनके अनुसार मन के पाँच दरवाजे होते है जहा से बाहरी डेटा मनुष्य के अंदर प्रवेश करता है जो हैं आँख, नाक, कान, जिह्वा , त्वचा |
एपिसोड -14
इस वीडियो के माध्यम से इन्होने बताया की अपने कॅरियर को कैसे चुना जाए | इन्होने व्यक्ति को करियर चुनने के तीन सिद्धांतों पर चर्चा की है, इन्होने बताया की कैसे अपने कॅरियर को लेजेंडरी बनाया जाय| इन्होने इस वीडियो के माध्यम से बताया की आप अपने आपको पहचानो जैसे रामायण मे जामुअंत ने हनुमान की मदद की थी उन्हे उनकी शक्तियों की याद दिलाई ठीक उसी प्रकार जैसे भागवत गीता मे श्रीकृश्न ने अर्जुन को अपने आप से परिचय कराई उसे प्रकार हर व्यक्ति को अपने आप को पहचाना चाहिए |
विडियो का हाइपर लिंक
एपिसोड के प्रमुख बिन्दु/ झलकियाँ
1. या तो आप आभारी होंगे… या भारी होंगे.
2. अगर आपको लोग समझ नहीं पाते हैं तो आपको परेशान नहीं होना चाहिए, चिंता न करे अगर आपको स्वयं को जानने की जरूरत नहीं है।
3. समुद्र के बीच में जाने के बाद वापस लौटने का कोई मतलब नहीं है, उसी दूरी पर आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
4. ताउम्र यही गलती करता रहा ग़ालिब, धूल तो चेहरे पर थी, मै आईना साफ करता रहा।
5. Business is logical but people are emotional.
6. आज का जमाना physical नहीं रहा; आज का जमाना digital हो गया है।
7. सपने देखने वालों के लिए रात छोटी पड़ जाती है। जबकि सपना पूरा करने वालों के लिए दिन छोटा पड़ जाता है।
8. इस दुनिया में दो प्रकार के लोग हैं: पहला – जो इतिहास रटने में अपना समय बिताते हैं। दूसरा -जो इतिहास रचने में अपना समय बिताते हैं।
9. आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं; तो ठीक है। अगर सोशल मीडिया आपका इस्तेमाल कर रहा हैं तो गलत है।
10. मैं कभी हारता नहीं…या तो जीतता हूं…या सीखता हूं।
11. अगर fruits चाहिए तो पहले …roots ठीक करो।
12. कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब बकवास है, और कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब खास है।
13. रियल स्टेट के धंधे में कैश धीरे धीरे आता है लेकिन मार्जिन 15% से 20% होता है और दुकानदार के धंधे के अंदर कैश बहुत तेजी से आता है लेकिन मार्जिन 4% से 5% होता है।
14. मैदान मे हारा व्यक्ति फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा व्यक्ति कभी जीत नहीं सकता क्योकि जीत, मन की विजय है।
15. Nobody has ever created history, in the history for salary Hike.
16. चिंता चीता के समान होती है।
एपिसोड के प्रमुख बिन्दु/ झलकियाँ
1. या तो आप आभारी होंगे… या भारी होंगे.
2. अगर आपको लोग समझ नहीं पाते हैं तो आपको परेशान नहीं होना चाहिए, चिंता न करे अगर आपको स्वयं को जानने की जरूरत नहीं है।
3. समुद्र के बीच में जाने के बाद वापस लौटने का कोई मतलब नहीं है, उसी दूरी पर आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
4. ताउम्र यही गलती करता रहा ग़ालिब, धूल तो चेहरे पर थी, मै आईना साफ करता रहा।
5. Business is logical but people are emotional.
6. आज का जमाना physical नहीं रहा; आज का जमाना digital हो गया है।
7. सपने देखने वालों के लिए रात छोटी पड़ जाती है। जबकि सपना पूरा करने वालों के लिए दिन छोटा पड़ जाता है।
8. इस दुनिया में दो प्रकार के लोग हैं: पहला – जो इतिहास रटने में अपना समय बिताते हैं। दूसरा -जो इतिहास रचने में अपना समय बिताते हैं।
9. आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं; तो ठीक है। अगर सोशल मीडिया आपका इस्तेमाल कर रहा हैं तो गलत है।
10. मैं कभी हारता नहीं…या तो जीतता हूं…या सीखता हूं।
11. अगर fruits चाहिए तो पहले …roots ठीक करो।
12. कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब बकवास है, और कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब खास है।
13. रियल स्टेट के धंधे में कैश धीरे धीरे आता है लेकिन मार्जिन 15% से 20% होता है और दुकानदार के धंधे के अंदर कैश बहुत तेजी से आता है लेकिन मार्जिन 4% से 5% होता है।
14. मैदान मे हारा व्यक्ति फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा व्यक्ति कभी जीत नहीं सकता क्योकि जीत, मन की विजय है।
15. Nobody has ever created history, in the history for salary Hike.
16. चिंता चीता के समान होती है।
2. अगर आपको लोग समझ नहीं पाते हैं तो आपको परेशान नहीं होना चाहिए, चिंता न करे अगर आपको स्वयं को जानने की जरूरत नहीं है।
3. समुद्र के बीच में जाने के बाद वापस लौटने का कोई मतलब नहीं है, उसी दूरी पर आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
4. ताउम्र यही गलती करता रहा ग़ालिब, धूल तो चेहरे पर थी, मै आईना साफ करता रहा।
5. Business is logical but people are emotional.
6. आज का जमाना physical नहीं रहा; आज का जमाना digital हो गया है।
7. सपने देखने वालों के लिए रात छोटी पड़ जाती है। जबकि सपना पूरा करने वालों के लिए दिन छोटा पड़ जाता है।
8. इस दुनिया में दो प्रकार के लोग हैं: पहला – जो इतिहास रटने में अपना समय बिताते हैं। दूसरा -जो इतिहास रचने में अपना समय बिताते हैं।
9. आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं; तो ठीक है। अगर सोशल मीडिया आपका इस्तेमाल कर रहा हैं तो गलत है।
10. मैं कभी हारता नहीं…या तो जीतता हूं…या सीखता हूं।
11. अगर fruits चाहिए तो पहले …roots ठीक करो।
12. कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब बकवास है, और कुछ लोग कहते हैं जो भी मेरे पास है सब खास है।
13. रियल स्टेट के धंधे में कैश धीरे धीरे आता है लेकिन मार्जिन 15% से 20% होता है और दुकानदार के धंधे के अंदर कैश बहुत तेजी से आता है लेकिन मार्जिन 4% से 5% होता है।
14. मैदान मे हारा व्यक्ति फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा व्यक्ति कभी जीत नहीं सकता क्योकि जीत, मन की विजय है।
15. Nobody has ever created history, in the history for salary Hike.
16. चिंता चीता के समान होती है।
चिंता एसी डाकनी काट कलेजा खाये। वैद बेचारा क्या करे, कब तक मलम लगाए।
17. अपने कल के रिकॉर्ड को आज तोड़ दूंगा।
18. Business is logical but people are emotional.
19. जिसके पास जनता है, उसकी दुनिया सुनता है।
20. आज इंडिया मे पढ़ाई डिग्री लेने के लिए हो रही है क्योंकि वर्तमान के स्टूडेंट्स well filled mind है, ना कि well formed.
21. Passion आपके दिमाग में होता है। प्रॉब्लम बाहर समाज में होती है। अगर हम इस पैशन और प्रॉब्लम्स को एक करके इसे प्रॉफिटेबल बिज़नस में बदल दे, तो जरा सोचिए क्या हो सकता है
22. If They Can Do, You Can Too.
23. अगर पहले prepare नहीं किया तो बाद में जिंदगी भर repair करते रहना।
24. अगर आप काम ना करने के बहाने ढूंढ सकते हो… तो काम करने के बहाने भी ढूंढ सकते हो।
25. जितना बड़ा जाल, उतनी ज्यादा मछली।
26. जरूरी नहीं कि जो सारी रात जागता हो वो आशिक ही हो,हो सकता है कि अपने देश के लिए मरने मिटने वाला सिपाही हो।
शैक्षिक उपादेयता
भारत के महान मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा ने उपर्युक्त एपिसोड मे बताए है कि स्टूडेंट को अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किस प्रकार संघर्ष करना चाहिए| उन्होने अपने एक एपिसोड मे बताया कि द्रोणाचार्य पांडवों को लेकर जंगल मे गए और बोले युधिष्ठिर उठाओ धनुष और लगाओ निशाना, युधिष्ठिर बोले लेकिन किस पर गुरु जी तभी गुरु जी बोले, इस पेड पर तुम्हें क्या दिख रहा है फिर इसके बाद गुरुजी भीम को बुलाते हैं और पूंछते है की क्या भीम तुम्हें चिड़िया दिख रहा है तो भीम बोले की माफ करना गुरु जी आप चिड़िया छोड़िए यहाँ तो मुझे पेड़ ही नही दिखाई देता| तभी गुरु जी अर्जुन को बुलाये और पूंछे अर्जुन क्या तुम्हें चिड़िया दिख रही है तो अर्जुन बोले नही गुरुजी मुझे चिड़िया तो नही लेकिन चिड़िया की आँख दिख रही है | गुरु जी पुनः पूंछते है क्या तुम्हें मैं भी नही दिखाई दे रहा हूँ तो अर्जुन बोले गुरु जी माफ करना गुरुजी आज मुझे आप भी नही दिखाई दे रहे है | तो इस प्रकार के कई उदाहरणो के माध्यम से विवेक बिंद्रा जी ने लक्ष्य निर्धारित करने के उद्देश्य बतायें हैं|
निष्कर्ष -
चिंता एसी डाकनी काट कलेजा खाये। वैद बेचारा क्या करे, कब तक मलम लगाए।
17. अपने कल के रिकॉर्ड को आज तोड़ दूंगा।
18. Business is logical but people are emotional.
19. जिसके पास जनता है, उसकी दुनिया सुनता है।
20. आज इंडिया मे पढ़ाई डिग्री लेने के लिए हो रही है क्योंकि वर्तमान के स्टूडेंट्स well filled mind है, ना कि well formed.
21. Passion आपके दिमाग में होता है। प्रॉब्लम बाहर समाज में होती है। अगर हम इस पैशन और प्रॉब्लम्स को एक करके इसे प्रॉफिटेबल बिज़नस में बदल दे, तो जरा सोचिए क्या हो सकता है
22. If They Can Do, You Can Too.
23. अगर पहले prepare नहीं किया तो बाद में जिंदगी भर repair करते रहना।
24. अगर आप काम ना करने के बहाने ढूंढ सकते हो… तो काम करने के बहाने भी ढूंढ सकते हो।
25. जितना बड़ा जाल, उतनी ज्यादा मछली।
26. जरूरी नहीं कि जो सारी रात जागता हो वो आशिक ही हो,हो सकता है कि अपने देश के लिए मरने मिटने वाला सिपाही हो।
18. Business is logical but people are emotional.
19. जिसके पास जनता है, उसकी दुनिया सुनता है।
20. आज इंडिया मे पढ़ाई डिग्री लेने के लिए हो रही है क्योंकि वर्तमान के स्टूडेंट्स well filled mind है, ना कि well formed.
21. Passion आपके दिमाग में होता है। प्रॉब्लम बाहर समाज में होती है। अगर हम इस पैशन और प्रॉब्लम्स को एक करके इसे प्रॉफिटेबल बिज़नस में बदल दे, तो जरा सोचिए क्या हो सकता है
22. If They Can Do, You Can Too.
23. अगर पहले prepare नहीं किया तो बाद में जिंदगी भर repair करते रहना।
24. अगर आप काम ना करने के बहाने ढूंढ सकते हो… तो काम करने के बहाने भी ढूंढ सकते हो।
25. जितना बड़ा जाल, उतनी ज्यादा मछली।
26. जरूरी नहीं कि जो सारी रात जागता हो वो आशिक ही हो,हो सकता है कि अपने देश के लिए मरने मिटने वाला सिपाही हो।
शैक्षिक उपादेयता
भारत के महान मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा ने उपर्युक्त एपिसोड मे बताए है कि स्टूडेंट को अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किस प्रकार संघर्ष करना चाहिए| उन्होने अपने एक एपिसोड मे बताया कि द्रोणाचार्य पांडवों को लेकर जंगल मे गए और बोले युधिष्ठिर उठाओ धनुष और लगाओ निशाना, युधिष्ठिर बोले लेकिन किस पर गुरु जी तभी गुरु जी बोले, इस पेड पर तुम्हें क्या दिख रहा है फिर इसके बाद गुरुजी भीम को बुलाते हैं और पूंछते है की क्या भीम तुम्हें चिड़िया दिख रहा है तो भीम बोले की माफ करना गुरु जी आप चिड़िया छोड़िए यहाँ तो मुझे पेड़ ही नही दिखाई देता| तभी गुरु जी अर्जुन को बुलाये और पूंछे अर्जुन क्या तुम्हें चिड़िया दिख रही है तो अर्जुन बोले नही गुरुजी मुझे चिड़िया तो नही लेकिन चिड़िया की आँख दिख रही है | गुरु जी पुनः पूंछते है क्या तुम्हें मैं भी नही दिखाई दे रहा हूँ तो अर्जुन बोले गुरु जी माफ करना गुरुजी आज मुझे आप भी नही दिखाई दे रहे है | तो इस प्रकार के कई उदाहरणो के माध्यम से विवेक बिंद्रा जी ने लक्ष्य निर्धारित करने के उद्देश्य बतायें हैं|
निष्कर्ष -
Sir iss ko mai dekh nai paa rahi hu
जवाब देंहटाएं